Thursday, November 21, 2024
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गले के रख-रखाव के लिए कुछ टिप्स

Instructions: Sign (k) = Komal Swar, (t) = Teevra Swar, Small Alphabets = Lower Octave, Capital Alphabets = Higher Octave. See Harmonium Theory Click Here Key Name details with diagram.

Throat Care Tips For Singers

एक गायक / सिंगर के लिए उसका गला, भगवान का दिया हुआ वह प्राकृतिक और महत्वपूर्ण वाद्ययंत्र (Instrument) है, जो बड़ी बखूबी से संगीत (Music) की ऐसी ऐसी ध्वनियों को प्रस्तुत कर सकता है, जो इंसान के बनाए हुए किसी और वाद्ययंत्र द्वारा संभव नहीं है। अच्छी सुरीली आवाज़ ईश्वर की देन (God Gift) है, और इसलिए गायकी की चाह रखने वाले लोगों को, खासकर कलाकारों (Artist) को अनिवार्य रूप से अपने गले का ध्यान रखना चाहिए। बहुत से दिग्गज गायक कलाकार और संगीतकार (Musician) हैं, जो अपने गले का ध्यान रखते भी हैं। आइये हम इस लेख में समझते हैं, संगीत और सुर की साधना के साथ साथ गले का ध्यान कैसे रखा जाये, ताकि आप बेहतर से बेहतर गायकी की ऊंचाईयों को छू सकें।

आज हम सरगम बुक पर बात करने वाले हैं कुछ ऐसी टिप्स के बारे में जिन्हें अपना कर आप अपने गले को गायकी के लिए तैयार रख सकते हैं।

1. पानी (Water): लोग सोचेंगे पानी से सिंगिंग का क्या कनेक्शन? तो ध्यान दीजिए, गले को अच्छे तरीके से काम करने के लिए, गले का तर रहना बहुत ही जरूरी है। इसलिए नियम से दिन भर में आठ से दस गिलास पानी जरूर पिएं, चाहे प्यास लगे या नहीं। कई बार ठण्ड के मौसम में या किसी शहर के वातावरण की वजह से ऐसा होता है की प्यास कम लगे, लेकिन, फिर भी अगर आप गायन की संगीत साधना के लिए गम्भीर हैं, तो पानी पीने का ध्यान हमेशा रखिए। पानी गायक / सिंगर के लिए अमृत के सामान है, वो भी लगभग बिलकुल मुफ्त का।

2. खान पान का ध्यान (Eating Habits): खाने-पीने में बहुत मसालेदार खाना, तला-भुना खाना ऐसी वस्तुओं से दूरी बनाए रखने में आपके गले की भलाई है। अक्सर ऐसा देखा गया है कि, खाने पीने में संयम न बरतने से पेट के एसिड का बहाव उल्टा होने लगता है, पेट से गले की तरफ। गले में ये एसिड धीरे धीरे जमा हो कर के जलन और खांसी की समस्या खड़ी कर देता है, जो कि गायक के लिए बड़ी समस्या बन सकती है। इसलिए, तुरंत सादे खाने पर न आएं मगर खूब मसालेदार और चटपटे खाने को भी रोजाना अपने आहार में शामिल ना करें। इससे गले के रख रखाव में बड़ी मदद होगी। वैसे तो अगर आपको चाय की आदत है तो छोड़ना मुश्किल ही है, चाय में अदरक बहुत लाभकारी होता है। अगर संभव है तो चाय की जगह गुनगुने पानी में नीम्बू रस और शहद मिलाकर ले सकते हैं, चाहें तो दो चार पुदीने की पत्तियाँ डाल लें। ये उपाय दो तीन महीने कर के देखिये, फायदा खुद महसूस होने लगेगा।

3. कॉफ़ी और अल्कोहल ड्रिंक्स (Say No To Alcohol): कॉफ़ी और अल्कोहल दोनों आपके गले के पक्के दुश्मन हैं। इसकी वजह है कि कॉफी और अल्कोहल ड्रिंक्स ये दोनों ही आपके शरीर से पानी निकालते हैं और गले में सूखापन लाते हैं। इसीलिए अगर आप अगर अपनी संगीत साधना को लेकर गम्भीर हैं तो कॉफी और अल्कोहल ड्रिंक्स से कोसों दूर रहें। वैसे अत्यधिक ठंडी या अत्यधिक गर्म वस्तुओं से भी परहेज करें।

4. Mouthwash या गरारे: अगर आप को Mouthwash / Gargle (गरारा/कुल्ला) करने की सलाह दी गयी है, या फिर आप गले को स्वस्थ रखने के लिए यह करना चाहते हैं, तो जहाँ तक संभव हो अल्कोहल वाले या फिर केमिकल वाले माउथ वाश का प्रयोग न करें। केमिकल दवाओं का प्रयोग तो बिलकुल भी न करें। इससे गले की सतह प्रभावित होती है। पानी गुनगुना कर के, थोड़ा नमक मिला कर फिर कुल्ला/ गरारा करें, इससे गले की सफाई तो होगी ही, गले को कोई नुकसान भी नहीं होगा।

5. स्मोकिंग / सिगरेट (Smoking): गले की उत्तम प्रकृति को बनाए रखने के लिए जरूरी है की उसे धुएँ से बचाया जाये। धूम्रपान करना या फिर सिगरेट / बीड़ी के धुएँ के आसपास रहना, दोनों ही गले की आवाज़ बनाने वाली झिल्ली (Vocal Chord) को खुरदरा बना देता हैं। आवाज़ की रेंज को घटाता है और सबसे जरूरी बात ये कि धूम्रपान से होने वाला नुकसान स्थायी हो जाता है जिसे सुधारना लगभग असम्भव ही होता है।

6. कुछ अन्य बातें: आम आदमी का गला एक बस सामान्य सा शरीर का हिस्सा है, जो उन्हें उनकी पहचान वाली आवाज़ देता है। रोजाना की जिंदगी में आम आदमी का, गले पर कोई खास ध्यान नहीं जाता, वह चाहे जो खा या पी सकता है। लेकिन गायकी के कलाकार के लिए गला उनकी कला का सर्वोच्च और सबसे महत्वपूर्ण साधन है, यन्त्र है। इसीलिए गायक के लिए आवश्यक है कि रोजमर्रा की बातों में, रियाज़ करते समय और संगीत प्रस्तुतियों में गले पर बहुत जोर न पड़े। साधारणतः बात करने में बहुत ज्यादा चिल्लाना और तेज आवाज़ में बात करना धीरे धीरे गले की पेशियों को सुरों की नाजुक महीन उतार चढाव को सँभालने में अक्षम करने लगता है। इसी तरीके से, रियाज़ करते समय इस बात का ध्यान रखें कि गले पर बहुत जोर न पड़े। जब गाने का अभ्यास करते-करते गले में थोड़ा दर्द महसूस हो या फिर तनाव महसूस हो तो गले को आराम दें। रियाज़ से ब्रेक लें और जब तक गला फिर से आराम के साथ दुबारा मेहनत के लिए तैयार न हो, तब तक दुबारा अभ्यास न करें। गले को एक रबरबैंड की तरह समझें। अपनी हद समझें और जरूरत से ज्यादा न खींचे नहीं तो स्थायी रूप से नुक्सान हो सकता है।

7. गला साफ़ करने के टिप्स: अक्सर गायकों के साथ एक और बात देखने में आती है। गले में थोड़ा खराश होने से वो बार-बार गले को जोर से खरखराहट के साथ साफ़ करते रहते हैं। गायकों के लिए ये अच्छी आदत नहीं है। ऐसा करने से गले में और ज्यादा उत्तेजना पैदा होती है और साथ ही गला प्राकृतिक रूप से और ज्यादा कफ पैदा करता है। ख़राश को साफ़ करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है पूरी तरह से खाँसना। जब भी गले में ख़राश हो या कुछ खराश जैसा हो तो बार बार गला साफ करने की बजाय थोड़ा खांस लेने से इस समस्या को भी टाला जा सकता है। बात तो ये छोटी सी ही है, लेकिन जो संगीत साधना में महारथ रखते हैं, वो जानते हैं कि ये बात कितनी महत्वपूर्ण हैं।

8. नींद: आज के ज़माने (दौड़ भाग वाले ज़माने में) में बहुत कम ऐसे खुशकिस्मत लोग हैं, जिन्हे अच्छी तरह से पूरी नींद का आशीर्वाद मिला हैं। वरना तो भागम-भाग में आधी अधूरी नींद और लगातार शरीर में बनी हुई थकावट एक आम बात हो चुकी है। इसलिए गायक को जब भी मौका मिले, भरपूर आराम करें, रात भर की नींद लें और जब समय मिले थकावट दूर करें। ज्यादातर लोगों को नींद के महत्त्व के बारे में कम ही पता होता है। जब हम सोते हैं तो यही समय होता है जब भगवान की बनायी हुई इस मशीन (इंसानी शरीर) की मरम्मत होती है। अगर हम आठ घंटे से कम की नींद लेते हैं तो शरीर की मरम्मत ठीक तरह से नहीं होती है और धीरे धीरे इसका असर गायकी की क्षमता, एकाग्रता (कन्सेंट्रेसन) और गले की रेंज पर होने लगता है। इसलिए खुद भी स्वस्थ रहें और अपने गले को भी स्वस्थ रखें।

9. वार्म अप: बड़े बड़े शास्त्रीय संगीत के गायकों का एक बड़ा रहस्य ये है, कि वो किसी भी रियाज़ या संगीत प्रस्तुति के पहले अपने गले को ‘वार्म अप’ करते हैं। वार्म अप का मतलब थोड़ा सांसों की एक्सरसाइज (प्राणायाम), थोड़ी देर नीचे सुरों पर गुनगुनाना, थोड़ा सरगम का रियाज़ और फिर उसके बाद ही ऊंची रेंज या बुलंद आवाज़ पर गाते हैं। ऐसा इसलिए भी किया जाता है ताकि आपका गला उस सुर को पहचान सके जो जो आप परफोर्म करने जा रहे हैं। तो इसलिए जब भी सुर साधना शुरू करें तो थोड़ा गले का वार्म अप ज़रूर कर लें।

10. रियाज़: प्रतिदिन अलंकार जो की संगीत की नींव है, गाने का रियाज़ जरी रखें। अक्सर देखा जाता है की जिस भी चीज़ को आप अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल कर लेते हैं वो आपकी आदत बन जाता है। कहने का मतलब है अगर रियाज़ को दैनिक दिनचर्या में शामिल करते हैं तो सिंगर्स के लिए यह एक बहुमूल्य काम होगा।

आशा करते हैं दोस्तों, कि गले के रख रखाव के लिए और गले को सुरक्षित रखने के आज सरगम बुक पर दिए गए ये टिप्स आप सभी को काम आएँगे। ऐसे ही और अच्छे लेख पढने के लिए बुकमार्क करें सरगम बुक वेबसाईट को।

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